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दिल्ली में यमुना नदी का प्रदूषण स्तर चरम पर, मोदी जी ने केजरीवाल सरकार को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया

दिल्ली, 03 फरवरी 2025

दिल्ली की यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर चिंताजनक ऊंचाई पर पहुंच गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, नदी के पानी में घुलित ऑक्सीजन (डीओ) का स्तर 1 मिलीग्राम प्रति लीटर से नीचे पहुंच गया है, जबकि जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) 50 मिलीग्राम प्रति लीटर को पार कर चुकी है। यह स्थिति न केवल पर्यावरण के लिए बल्की दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन गई है।

इस संकट के बीच केंद्र सरकार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को नदी की सफाई के लिए तत्काल ठोस कदम उठाने का आदेश दिया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा, “यमुना की दुर्दशा दिल्ली सरकार की लापरवाही का सबूत है। नदी को निर्मल बनाने के लिए आवंटित धन का सही उपयोग नहीं हुआ। हमने राज्य सरकार को 48 घंटे के भीतर एक कार्ययोजना पेश करने का निर्देश दिया है।”

वहीं, दिल्ली सरकार ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि प्रदूषण रोकने के लिए उनके प्रयास अवरुद्ध हो रहे हैं। दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने मीडिया से कहा, “हमने यमुना किनारे 33 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए हैं, लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले औद्योगिक कचरे को रोकने के लिए केंद्र का समर्थन नहीं मिल रहा।”

पर्यावरणविद् डॉ. अनिल मिश्रा ने चेतावनी दी है कि नदी में भारी धातुओं और कीटनाशकों की मात्रा बढ़ने से कैंसर जैसे रोगों का खतरा बढ़ गया है। वहीं, ओखला इलाके की निवासी सीमा देवी ने बताया, “नदी का पानी इतना जहरीला हो गया है कि सर्दियों में भी मच्छरों का आतंक बना रहता है।”

यमुना नदी की सफाई के लिए 1993 से चल रहे ‘यमुना एक्शन प्लान’ के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का समाधान केवल केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से ही संभव है। अब सभी की निगाहें केजरीवाल सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।

रिपोर्ट: अमित कुमार

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